What is Yellow Fungus, Its symptoms and expert advice- Hindi
Yellow Fungus क्या है?
ब्लैक एंड व्हाइट फंगल के बाद भारत में एक और फंगल पैर पसार रहा है जिसे साधारण बोल चाल की भाषा में इसे Yellow Fungus कहते हैं। जानकारी के मुताबिक यह Black Fungal and White Fungal से भी अधिक खतरनाक है, उसका कारण यह है की यह एक ऐसा संक्रमण जो बड़े पैमाने पर शरीर में आंतरिक क्षति का कारण बन सकता है। और इसके लक्षणों का शुरुआत में पता नहीं चल पता है। इसलिए जितना हो सके Yellow Fungal के लक्षण दिखते ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
तो आइये हम देखते है की इसके लक्षण(symptoms) क्या क्या है ?
- शरीर का वजन तेजी से कम होना।
- भूख ना के बराबर लगना।
- शरीर का कमजोर हो जाना।
- सुस्ती महसूस करना।
- नेक्रोसिस (टिश्यू के गलने) के कारण मरीज की आँखे धंस जाना।
- बॉडी के इंटरनल ऑर्गन डैमेज होना।
- कुछ लोगों के आँखों में इन्फेक्शन होना।
- किसी मरीज को अगर घाव है तो वो बहुत धीमी गति से ठीक होता है या फिर उसमे रिसाव जाने लग जाता है।
- खराब पाचन तंत्र।
- धीमा चयापचय(metabolism)।
Yellow Fungus फंगस के फैलने का कारण
Yellow Fungus अन्य Fungus संक्रमणों की तरह दूषित वातावरण से फैलता है। औरअन्य कारणों में जब कोई संदिग्ध रोगी वातावरण में पनपने वाले फफूंद (माइकोमेट्स) को निगल जाता है। Yellow Fungus के फैलने का तरीका ही इसे Black और White Fungus से अलग करता है। Black Fungus की शुरुआत चेहरे के भद्दापन से होती है। जबकि White Fungus शरीर के आंतरिक अंग पर आक्रमण करके और महत्वपूर्ण शारीरिक प्रक्रियाओं को कमजोर करता है। इसलिए इसे दोनों Fungus से खतरनाक और गंभीर माना जाता है।
यह कैसे फैलता है? क्या यह संक्रामक है?
यह संक्रमण तब फैलता है जब कोई व्यक्ति वातावरण में मौजूद फफूंद को सांस द्धारा अंदर ले जाता है । अन्य संक्रमण के कारण जैसे – बहुत नमी वाला स्थान, दूषित भोजन, बहुत पुराना सामान या आस-पास में फैली गंदगी। कमजोर immunity वाले पर भी इसका प्रभाव ज्यादा है। कमजोर स्वास्थ्य या अनियंत्रित मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल जैसी पहले से मौजूद समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति के लिए भी ये खतरनाक है।
Yellow Fungal या अन्य Fungal infections के बारे में अभी भी बात की जा रही है, वे संक्रामक नहीं हैं, क्योंकि वे COVID-19 सहित अन्य श्वसन संक्रमणों के समान हैं। एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल सकता। बाहरी प्रसार के जोखिम का अभी तक विस्तार से पता नहीं लगाया गया है और न ही इसका अध्ययन किया गया है। इसके और कारण है जैसे –
- कोरोना से (या ठीक होने के बीच) ठीक हुए मामलों में लंबे समय तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे गए या स्टेरॉयड का उपयोग करने वाले लोगों में फंगल संक्रमण में वृद्धि दर्ज की गई है।
- यह त्वचा के कटने, खरोच, जलन या फिर अन्य चोट के द्धारा भी शरीर के अंदर विकसित हो सकता है।
- जिन कोरोना के रोगियों ने गहन देखभाल इकाइयों (ICU) में लंबा समय बिताया है
- जिसका हाल ही में अंग प्रत्यारोपण हुआ है।
- प्रतिरक्षा संबंधी जटिलताओं या कम WBC संख्या से ग्रस्त है।
- वो कोरोना के रोगी जो व्यापक जीवाणुरोधी या स्टेरॉयड उपयोग पर निर्भर रहे हुए है
- जो गुर्दे की विफलता या डायलिसिस पर है ।
Yellow Fungus अन्य Fungus से ज्यादा खतरनाक क्यों है?
कारणों में से एक जो अभी देखा गया है वह यह है कि Yellow Fungal Infection इंसानी शरीर के अंदर फैलता है और रोगी को जल्दी से पता भी नहीं चलता की वो इस रोग का शिकार है । और जब तक रोगी को पता चलता है तब तक यह रोगी के अंदरूनी अंग को डेमेज कर देता है । इसी वजह से लोगों को सलाह दी गई है की सही समय पर इसका इलाज कराये और किसी तरह का रिस्क नहीं ले।
लोग अपनी रक्षा कैसे कर सकते हैं?
- सबसे पहले तो ये की हमें नए संक्रमणों के बारे में जानकारी सीखना शुरू कर दे।
- हमें विशेष रूप से हमें अपनी इम्युनिटी पावर पर ध्यान देना चाहिए।
- मधुमेह से पीड़ित वयक्ति को अपने रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
- कोविड-19 से जूझ रहे रोगियों को अपनी विशेष सावधानी रखनी चाहिए।
- घर में नमी (humidity) को 30% से 40% तक ही होना चाहिए।
- घर में पुराने खाद्य पदार्थों को हटा देना चाहिए ।
- बासी खाना खाने से बचाना चाहिए।
- घर के आस पास का वातावरण स्वच्छ होना चाहिए उचित कीटाणुशोधन का पालन करना चाहिए।
- वह रोगी जो ऑक्सीजन थेरेपी का उपयोग कर रहा है वो पहले जांच कर ले की ऑक्सीजन फिल्टर है और दूषित नहीं है।
- बिना विचारे स्टेरॉयड और संबंधित दवाओं के उपयोग पर अंकुश लगाया जाना चाहिए।
येलो फंगस का इलाज क्या है ?
अभी तक एम्फोटेरिसिन बी (amphoteracin b) इंजेक्शन ही इसका एकमात्र है। जो एक ब्रॉड-स्पेक्ट्रम एंटी-फंगल मेडिसीन है। यह इंजेक्शन ब्लैक फंगस और व्हाइट फंगस के इलाज में भी काम आता है । इसके अतिरिक्त, डॉक्टर और विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि कोई भी जोखिम वाला रोगी खुद को अनावश्यक रूप से जोखिम में न डालें, उचित मास्क जनादेश का पालन करें और अपने आप को स्वच्छता बनाए रखें। साफ सुथरे कपडे पहने। इन सब बातों का ध्यान रखकर आप अपनी सुरक्षा के लिए एक कदम और आगे बढ़ सकते हैं।