Makar Sankranti : तेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे, जब मकर संक्रांति पर करोगे ये 10 खास उपाय
Makar Sankranti 2024: तेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे, जब मकर संक्रांति पर करोगे ये 10 खास उपाय
मकर संक्रांति हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है। मकर संक्रांति का महत्व ज्योतिषीय, धार्मिक और वैज्ञानिक तीनों ही दृष्टियों से महत्वपूर्ण है। मकर संक्रांति उस दिन मनाई जाती है जब सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है। इस दिन से सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर बढ़ता है। धार्मिक कारणों से मकर संक्रांति पर सूर्य पूजा का विशेष महत्व माना जाता है। साथ ही सूर्य के उत्तरायण होने से वातावरण में ठंड कम होने लगती है।
मकर संक्रांति का त्योहार हर साल उत्तर भारत में 14 जनवरी को मनाया जाता है।
इस साल मकर संक्रांति पर रवि योग बना है। इसलिए इस साल मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। 2024 में मकर संक्रांति 15 जनवरी 2024, सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन सूर्य देव सुबह 2 बजकर 54 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं।
इस बार 15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति पर 77 साल बाद वरियान योग और रवि योग का संयोग बन रहा है। इस दिन मंगल और बुध भी एक ही राशि धनु में मौजूद रहेंगे।
मकर संक्रांति का धार्मिक महत्व क्या है?
मकर संक्रांति का धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन से देवताओं के दिन की शुरुआत होती है क्योंकि इस दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर बढ़ता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मकर संक्रांति के दिन स्वर्ग के दरवाजे खुलते हैं। मकर सक्रांति को अच्छे दिनों की शुरुआत माना जाता है।
भीष्म पितामाह ने मकर सक्रांति को ही अपनी मुक्ति के लिए इस दिन को चुना था। इसलिए इस दिन किया गया दान अन्य दिनों में किए गए दान पुण्य से अधिक फलदायी होता है।
अगर आप भी अपने सोये हुए भाग्य जगाना को जगाना चाहते हैं तो हमारे शास्त्रों में बताए गए उपाय कर सकते हैं।
मकर संक्रांति के 10 खास उपाय
1. सूर्य पूजा और अर्घ्य
मकर संक्रांति के दिन सूर्य पूजा और अर्घ्य का विशेष महत्व है। भगवान सूर्य की विशेष कृपा पाने के लिए उनके अर्घ्य में काले तिल, लाल फूल, लाल चंदन और गुड़ लें। इससे मान-सम्मान बढ़ता है. करियर सूरज की तरह चमकता है. इससे आपके गृह दोष दूर होते हैं और नौकरी, सुख, रोग और दोषों से मुक्ति मिलती है।
ओम ऐहि सूर्य सह स्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घ्यं नमो स्तुते।।
सूर्य को जल चढ़ाते समय इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति की कुंडली में सूर्य मजबूत होता है और उसे दोगुना लाभ मिलता है।
2. आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ सूर्य मंत्र का जप
मंत्र जाप करते समय आप “ॐ घृणि सूर्य आदित्यः” मंत्र की एक माला का जाप कर सकते हैं। या फिर आप सूर्य देव के किसी भी मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं। मंत्र जप करते समय यदि रुद्राक्ष की माला हो यह विशेष फलदायी होती है। अगर आप अपने जीवन में अच्छा स्वास्थ्य, सुख, समृद्धि, प्रमोशन, धन और समृद्धि चाहते हैं तो यह उपाय जरूर करें।
3 .इस तरह करे स्नान
हमारे शास्त्रों में मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। इससे व्यक्ति को पापों से मुक्ति मिलती है। यह स्नान गंगा, यमुना, नर्मदा, क्षिप्रा किसी भी पवित्र नदी में किया जा सकता है।
अगर आप गंगा नदी में स्नान करने नहीं जा सकते तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगा जल और काले तिल मिलाकर नहाने से भी गंगा स्नान के समान ही पुण्य मिलता है।
मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य देव अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी छोड़कर उनके घर गये थे। तब शनि ने सूर्यदेव को काले तिल अर्पित किये। इसलिए परंपरा है कि इस दिन पानी में काले तिल मिलाकर स्नान करने से शनि बहुत प्रसन्न होते हैं। साधक को 7 अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होता है।
4. इन चीजों का करें दान
तिल, गुड़, तेल, सात प्रकार के अनाज, रेवड़ी, कंबल, लाल कपड़ा, लाल मिठाई और मूंगफली का दान करने से भी सूर्य, शनि और राहु-केतु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
यदि इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को गर्म कपड़े और चप्पलें दान की जाएं तो व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य और सौभाग्य मिलता है।
5. खिचड़ी का भोग और दान
कई जगहों पर मकर संक्रांति को खिचड़ी का त्योहार भी कहा जाता है। इस दिन उड़द की दाल और कच्चे चावल की खिचड़ी बनाकर देवी-देवताओं को अर्पित करें और इस प्रसाद का स्वयं भी सेवन करें। इस दिन खिचड़ी दान करने का भी विशेष महत्व माना जाता है। ऐसा करने से कुंडली से शनि के अशुभ प्रभाव दूर हो जाते हैं और व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य और सौभाग्य मिलता है।
6. नवग्रह का उपाय
मकर संक्रांति के दिन नवग्रहों की कृपया पाने के लिए उनसे सम्बंदित वस्तुए दान करनी चाहिए। जिससे सभी नव ग्रहो की विशषे कृपया मिले।
7. हवन
हवन से धार्मिक एवं वैज्ञानिक दोनों प्रकार की बुराइयों से विशेष लाभ मिलता है। मान्यता है कि आम की लकड़ी में तिल और कपूर के साथ 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करते हुए हवन करने से व्यक्ति को पूर्व जन्म के पापों से मुक्ति मिल जाती है। व्यक्ति के घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है, जिससे घरेलू परेशानियां और बीमारियां खत्म होती है।
8. साल भर पितृ होंगे प्रसन्न
मकर संक्रांति पर पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर्म करने से पितर वर्ष भर प्रसन्न रहते हैं। परिवार में वंश की वृद्धि होती है। दाम्पत्य जीवन सुखमय रहता है। घर में बरकत रहती है। पितरों की शांति के लिए प्रतिदिन जल देते समय उसमें तिल अवश्य मिलाएं। ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
9. कुंवारी और सुहागिन महिलाएं 14 वस्तुएं बांटे
मकर संक्रांति पर विवाहित महिलाएं और अविवाहित लड़कियां हल्दी-कुंकु की रस्म निभाती हैं। अपने सुहाग की रक्षा के लिए विवाहित महिलाएं एक-दूसरे को हल्दी-कुमकुम लगाती हैं और सुहाग सामग्री बांटती हैं
वही कुंवारी लड़कियां अच्छा वर पाने के लिए चीजें बांटती हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बांटी जाने वाली सुहाग सामग्री की संख्या 14 होनी चाहिए।
10. पशु – पक्षियों को भोजन दे
मकर सक्रांति के दौरान जितना संभव हो सके उतने जानवरों और पक्षियों को खाना खिलाएं और उनकी सेवा करें। क्योंकि बेजुबान जानवरों की सेवा करने से शनि की कृपा प्राप्त होती है। इस दिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलानी चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मछली के आटे में कभी भी नमक, तेल या मैदा नहीं होना चाहिए।
इस दिन गाय को हरा चारा, चींटियों को शक्कर मिला हुआ आटा और पक्षियों को सात प्रकार का अनाज खिलाना शुभ माना जाता है। इससे कई तरह के ग्रह दोष खत्म हो जाएंगे है।
Disclaimer: इस लेख में दी गयी जानकारी सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। takecareeveryday.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यताओं पर विश्वास करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
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